ABSSS
Akhil Bharatiya Samaj Sewa Sansthan
ककड़ी की खेती से चमकी महिलाओं की किस्मत
आज जहाँ हमारा देश पुरुष प्रधान देश है खेती किसानी पर पुरुषों का ही आधिपत्य मना जाता है। महिलाए बराबर के श्रम के बावजूद महिला किसान नहीं बन पाई है परन्तु वक्त बदल रहा है महिलाए भी खेती किसानी में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही है इसका जीता जागता उदाहरण है बाँदा जिले का बडैछा गांव में पहले परम्परागत रूप से गेहूं, चना, सरसों, तिल, अरहर, आदि फसलें बोयी जाती है और यहाँ का हितग्राही समूह कभी भी सब्जी जैंसी फसल का उत्पादन नहीं करता था। यहाँ पर रहने वालीं महिलाएं पुरुष वर्षा आधारित कृषि आश्रित थे, मनरेगा में काम करतें हैं याफिर गांव से बहार कामकर अपना जीवन यापन करते है।
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पायनियर 20 अप्रैल,2010